आजकल हर कोई अपनी मेहनत की कमाई को बढ़ाने के लिए निवेश के रास्ते तलाश रहा है। ऐसे में म्युचुअल फंड एक बेहतरीन विकल्प के रूप में उभर कर सामने आया है। छोटे से लेकर बड़े निवेशक, सभी इक्विटी मार्केट का फायदा उठाने के लिए म्युचुअल फंड की विभिन्न स्कीमों, जैसे कि स्मॉल कैप, लार्ज कैप, मिड कैप, फ्लेक्सी या बैलेंस्ड फंड में निवेश कर रहे हैं।
लेकिन, यह भी सच है कि म्युचुअल फंड, खासकर इक्विटी म्युचुअल फंड में जल्दबाजी या गलत फैसले आपको नुकसान पहुंचा सकते हैं। आइए, आज हम आपको ऐसी ही कुछ आम गलतियों के बारे में बताते हैं, जिनसे बचकर आप अपने म्युचुअल फंड निवेश को सफल बना सकते हैं:
गलती #1: बिना लक्ष्य के निवेश का जाल:
यह सबसे पहली और सबसे बड़ी गलती है, जिसे ज्यादातर लोग अनजाने में कर बैठते हैं। निवेश करने से पहले यह बेहद जरूरी है कि आप अपने वित्तीय लक्ष्यों को स्पष्ट रूप से तय कर लें।
क्या आप रिटायरमेंट के लिए प्लानिंग कर रहे हैं?
बच्चों की उच्च शिक्षा के लिए धन जमा करना चाहते हैं?
या फिर किसी विदेश यात्रा का सपना पूरा करना है?
आपका लक्ष्य कुछ भी हो, उसे पहले तय कर लें। यही वह आधार है, जिसके सहारे आप सही म्युचुअल फंड का चुनाव कर पाएंगे। उदाहरण के तौर पर, रिटायरमेंट के लिए आपको एक ऐसे फंड की आवश्यकता होगी जो दीर्घकालीन अच्छा रिटर्न दे सके, वहीं बच्चों की शिक्षा के लिए आपको थोड़ा आक्रामक रुख अपनाने वाला फंड चुनना होगा।
गलती #2: ऊंचे रिटर्न का फेलियर
यह स्वाभाविक है कि हर कोई ज्यादा से ज्यादा मुनाफा कमाना चाहता है। लेकिन, सिर्फ ऊंचे रिटर्न के चक्कर में मत फंस जाइए। याद रखें, अधिक रिटर्न का मतलब अधिक जोखिम भी होता है। इसलिए, अपने वित्तीय लक्ष्यों और जोखिम उठाने की क्षमता के अनुसार ही फंड का चुनाव करें। आक्रामक निवेश (ऑफेंसिव फंड) तभी चुनें, जब आप बाजार के उतार-चढ़ाव सहने के लिए तैयार हों। वहीं, अगर आप जोखिम लेने से बचते हैं, तो डिफेंसिव फंड आपके लिए बेहतर विकल्प हो सकता है।
गलती #3: जल्दबाजी में खरीद-फरोख्त का चक्कर
म्युचुअल फंड लंबी अवधि के निवेश के लिए होते हैं। इसमें बार-बार यूनिट खरीदने और बेचने से फायदे से ज्यादा नुकसान होने का खतरा रहता है। बाजार ऊपर जाता है तो खुशी होती है, लेकिन नीचे आने पर घबराकर यूनिट बेच देना सही रणनीति नहीं है। शांत रहें, बाजार के उतार-चढ़ाव को समझें और अपने निवेश को लंबे समय तक बनाए रखें।
गलती #4: मार्केट टाइमिंग का भ्रम
यह सोचना कि आप बाजार के सबसे ऊपरी या निचले बिन्दु पर निवेश कर लेंगे, एक गलतफहमी है। बाजार का समय निर्धारित करना बहुत मुश्किल है। इससे बचें और लंबी अवधि के लिए निवेश करने की सोच अपनाएं। एक सुनियोजित तरीका यह है कि SIP (सिस्टमैटिक इनवेस्टमेंट प्लान) के जरिए नियमित रूप से थोड़ी-थोड़ी राशि निवेश करते रहें।
गलती #5: पोर्टफोलियो में विविधता का अभाव
अपने सभी अंडे एक ही टोकरी में रखना जोखिम भरा होता है। वही बात म्युचुअल फंड पर भी लागू होती है। सिर्फ एक ही सेक्टर या एक ही फंड पर निर्भर रहना आपके लिए नुकसानदेय साबित हो सकता है। इसलिए, अपने पोर्टफोलियो में विविधता लाएं। अलग-अलग क्षेत्रों (सेक्टर) और परिसंपत्ति वर्गों (एसेट क्लास) में निवेश करें। उदाहरण के लिए, आप इक्विटी फंड के साथ-साथ डेट फंड में भी निवेश कर सकते हैं। इससे जोखिम कम होता है और रिटर्न में भी संतुलन बनता है।
गलती #6: अमीर बनने का जुनून
यह सच है कि म्युचुअल फंड अच्छा खासा रिटर्न दे सकते हैं, लेकिन वे आपको रातोंरात अमीर नहीं बना सकते। म्युचुअल फंड में सफलता के लिए धैर्य और अनुशासन की आवश्यकता होती है। अवास्तविक रिटर्न की उम्मीद न करें। लंबी अवधि में, म्युचुअल फंड आमतौर पर अच्छा रिटर्न देते हैं, लेकिन इसके लिए आपको धैर्य रखना होगा।
गलती #7: निवेश की समीक्षा में आलस करना पड़ सकता है भारी
समय-समय पर अपने निवेश की समीक्षा करते रहना बहुत जरूरी है। यह देखते रहें कि आपके द्वारा चुने गए फंड आपके वित्तीय लक्ष्यों के अनुसार प्रदर्शन कर रहे हैं या नहीं। अगर कोई फंड लगातार खराब प्रदर्शन कर रहा है, तो वित्तीय सलाहकार से सलाह लें और जरूरत पड़े तो अपने पोर्टफोलियो में बदलाव करें।
इन गलतियों से बचकर और सही रणनीति अपनाकर आप म्युचुअल फंड में सफल निवेश कर सकते हैं और अपने वित्तीय लक्ष्यों को हासिल कर सकते हैं!