पाकिस्तान सरकार ने हाल ही में एक ऐसे फैसले की घोषणा की है जो देश की जनता के लिए राहत की सांस हो सकती है, खासकर आगामी ईद-उल-अजहा के त्योहार को ध्यान में रखते हुए। सरकार ने पेट्रोल और हाई-स्पीड डीजल (एचएसडी) की कीमतों में कटौती की है, जो अगले 15 दिनों के लिए लागू रहेगी हालाँकि, यह कटौती कितनी बड़ी राहत है, यह इस बात पर निर्भर करता है कि आप इसे किस नजरिए से देखते हैं।
कितनी कटौती हुई और नई कीमतें क्या हैं?
पेट्रोल की कीमत में ₹10.20 प्रति लीटर की कटौती की गई है, जिससे इसकी नई कीमत ₹258.16 प्रति लीटर हो गई है।
डीजल की कीमत में ₹2.33 प्रति लीटर की कटौती की गई है, जिससे इसकी नई कीमत ₹267.89 प्रति लीटर हो गई है।
क्या यह पर्याप्त कटौती है?
यह कटौती निश्चित रूप से स्वागत योग्य है, लेकिन यह ध्यान रखना जरूरी है कि पाकिस्तान में पेट्रोल की कीमतें पहले से ही भारत की तुलना में काफी अधिक हैं। उदाहरण के लिए, जून 2024 के आँकड़ों के अनुसार, भारत में पेट्रोल की राष्ट्रीय औसत कीमत लगभग ₹102.84 प्रति लीटर है, जबकि पाकिस्तान में कटौती के बाद भी यह ₹258.16 प्रति लीटर बनी हुई है।
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कटौती के पीछे क्या कारण हैं? सरकार के इस कदम के पीछे दो संभावित कारण हो सकते हैं
ईद का तोहफा : ईद के पर्व पर सरकार आम आदमी को राहत पहुंचाना चाहती है । त्योहारों के दौरान परिवहन और यात्रा आम होती है , ऐसे में ईंधन की ऊंची कीमतें आर्थिक बोझ बन सकती हैं ।
अंतरराष्ट्रीय बाजार का रुझान : हाल ही में अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट आई है । सरकार ने इस मौके का फायदा उठाकर घरेलू ईंधन कीमतों में कटौती का फैसला किया हो सकता है ।
क्या यह कटौती स्थायी रहेगी ?
यह कटौती केवल अगले 15 दिनों के लिए लागू है । इसके बाद , सरकार की ओर से कीमतों की समीक्षा की जाएगी और नई दरें तय की जाएंगी । यह देखना बाकी है कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों का रुझान कैसा रहता है और क्या सरकार भविष्य में भी इसी तरह की रियायतें देती है ।
भारत पर क्या होगा असर ?
पाकिस्तान में पेट्रोल- डीजल कीमतों में कटौती का भारत पर सीधा असर होने की संभावना कम है । भारत कच्चे तेल का एक बड़ा आयातक देश है और अंतरराष्ट्रीय बाजार की उथल- पुथल का सीधा असर घरेलू ईंधन कीमतों पर पड़ता है ।
निष्कर्ष
ईंधन की ऊंची कीमतें आम आदमी के लिए हर महीने का बजट बिगाड़ देती हैं । पाकिस्तान में ईंधन कीमतों में यह कटौती राहत की एक छोटी सी किरण है , लेकिन यह देखना बाकी है कि यह कटौती कितनी टिकाऊ है और क्या इससे देश में ईंधन की कीमतों को दीर्घकालिक रूप से नियंत्रित करने में मदद मिलती है । वहीं , भारत में ईंधन कीमतों पर इसका कोई खास असर पड़ने की संभावना कम ही दिखती है ।