निवेश की दुनिया में कदम रखते वक्त, आप एकमुश्त निवेश (वन-टाइम इन्वेस्टमेंट) का रास्ता चुन रहे हैं, तो यह वाकई एक समझदारी भरा फैसला हो सकता है। लेकिन सबसे बेहतरीन विकल्प चुनने के लिए, अपने भविष्य के सपनों और आर्थिक लक्ष्यों को अच्छी तरह से परख लेना ज़रूरी है. आइए कुछ लोकप्रिय निवेश विकल्पों पर गौर करें और उनकी खूबियों और कमियों को भी समझें:
इक्विटी म्यूचुअल फंड
ये फंड शेयर बाजार में विभिन्न कंपनियों के शेयरों में आपका पैसा लगाते हैं। लंबे समय में, बाजार अच्छा प्रदर्शन करता है, तो इन फंडों से मोटा मुनाफा कमाने की संभावना रहती है. ज़रा सोचिए, आप एक साथ कई कंपनियों में हिस्सेदार बन रहे हैं, तो उनके अच्छा चलने से आपको भी फायदा होगा! लेकिन शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव भी आते रहते हैं, तो थोड़ा जोखिम भी जुड़ा हुआ है. अगर आप थोड़े जोखिम उठाने को तैयार हैं और 5 से 10 साल या उससे भी ज्यादा समय के लिए निवेश करने की सोच रहे हैं, तो इक्विटी म्यूचुअल फंड आपके लिए फायदेमंद साबित हो सकते हैं.
फिक्स्ड डिपॉजिट (एफडी)
एफडी उन लोगों के लिए बेहतरीन विकल्प है, जो सुरक्षित निवेश को तरजीह देते हैं। आप अपनी जमा पूंजी को बैंक में एक तयशुदा अवधि के लिए जमा कराते हैं और बदले में, बैंक आपको एक निश्चित ब्याज दर देता है। एफडी में पैसा लगाना काफी आसान है और आपको मिलने वाला ब्याज भी पहले से पता होता है. मगर, एफडी से मिलने वाला रिटर्न आमतौर पर शेयर बाजार या कुछ अन्य निवेश विकल्पों के मुकाबले थोड़ा कम होता है।
पब्लिक प्रॉविडेंट फंड (पीपीएफ)
यह सरकार द्वारा चलाई जाने वाली एक स्कीम है, जो आपको अपने भविष्य के लिए बचत करने और साथ ही टैक्स बचाने का मौका देती है। पीपीएफ में निवेश करने पर आपको इनकम टैक्स में छूट मिलती है. इतना ही नहीं, जमा राशि और मैच्योरिटी पर मिलने वाली राशि पर भी आपको टैक्स छूट का फायदा मिल सकता है। यह लंबी अवधि के लिए निवेश करने वालों के लिए अच्छा विकल्प है. हालांकि, पीपीएफ में पैसा निकालने की सुविधा थोड़ी محدود (मحدूद – limited) होती है।
राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस)
यह एक स्वैच्छिक पेंशन योजना है, जो आपको रिटायरमेंट के बाद आर्थिक रूप से सुरक्षित रहने में मदद करती है। एनपीएस में आप नियमित रूप से निवेश करते हैं, जो आपकी रिटायरमेंट फंड में जमा होता रहता है। रिटायरमेंट के बाद आपको इस फंड से नियमित पेंशन मिलती है। एनपीएस में भी आपको इनकम टैक्स में कुछ छूट मिलती है। यह उन लोगों के लिए फायदेमंद है, जो अपनी रिटायरमेंट की प्लानिंग पहले से ही शुरू कर देना चाहते हैं.
रियल एस्टेट
जमीन या किसी संपत्ति में निवेश करना भी एक अच्छा विकल्प हो सकता है। रियल एस्टेट लंबे समय में अच्छा खासा मुनाफा कमाकर दे सकता है। लेकिन इसमें शुरुआत में ही ज्यादा रकम लगाने की ज़रूरत पड़ती है और संपत्ति को बेचने में भी थोड़ा समय लग सकता है।
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इन सब विकल्पों को ध्यान से समझने के बाद ही आपको यह तय करना है कि आपके लिए कौन सा निवेश सबसे उपयुक्त रहेगा. सबसे महत्वपूर्ण है कि निवेश का फैसला करने से पहले आप अपनी आर्थिक स्थिति, जोखिम उठाने की क्षमता और निवेश के लक्ष्यों को अच्छी तरह से समझ लें। अगर आपको किसी भी तरह का संदेह है, तो किसी वित्तीय सलाहकार से सलाह जरूर लें.